हेलो दोस्तों आज मैं बात करने वाला हूं sales and marketing के बारे में जब भी आप sales और मार्केटिंग का नाम सुनते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि यह दोनों चीजें एक ही है लेकिन यहां पर हम आपको बता दें कि थोड़ा थोड़ा different होता है आपको हम अपनी वेब साईट Www.hintme.in पर पूरी जानकारी देंगे तो आइए हम समझते हैं Different between sales and marketing?
सेल्स और मार्केटिंग में क्या फर्क है-in Hindi
Small यानि छोटी और मध्यम आकर की business unit में सेल्स एंड मार्केटिंग term एक साथ इस्तेमाल की जाती है और sales and marketing टीम दोनों(both) ही कार्यों को संभालती है इसका मतलब यदि हम सरल भाषा में समझे तो जो कंपनियां मध्य और छोटी कंपनियां होती हैं वहां पर सेल्स और मार्केटिंग का काम एक ही जैसे होता है परन्तु बड़ी (higher networth) कम्पनीज में ऐसा नहीं है वहां सेल्स और मार्केटिंग अलग अलग विभाग होते है यहां पर सभी का काम अलग अलग होता है sales का वर्किंग सेल्स होता है और मार्केटिंग का काम मार्केटिंग होता है बड़ी आर्गेनाईजेशनस में रोल्स एंड रेस्पॉन्सिबिलिटीज ज्यादा स्पेशलाइजड़ ढंग से बांटी जाती है!Sales -in hindi
What is sales?, सेल्स का काम है existing customers और channel partners के साथ relationship बनाना और उनकी requirement को पूरा करना! मोटे शब्दों में कहें तो सेल्स का काम है जो भी स्टॉक है उसे बेकना! सेल्स टीम का काम होता है कि दरवाजे दरवाजे जाकर सभी को इसकी जानकारी देना और इसे बेचना, अगर उस प्रोडक्ट में कोई भी खराबी या कंप्लेन आता है तो उन्हें मैनेज करना, प्राइस व टर्म्स और कंडीशंस को फाइनल करना, और कस्टमर के ऑर्डर्स को पूरा करना! सेल्स अपने मंथली, क्वार्टरली, हाफ इयरली और इयरली टार्गेट्स को पूरा करने पर फोकस करती है!
Marketing -in Hindi
What is marketing? मार्केटिंग का मुख्य काम है कस्टमर के पर्सपेक्टिव से मार्किट को समझना, मार्किट रिसर्च करना, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए स्ट्रेटेजी बनाना, मार्किट के कम्पटीशन का एनालिसिस करना, लॉन्ग लास्टिंग रिलेशनशिप बनाना, ब्रांड आइडेंटिटी बनाना, कस्टमर की जरुरत के हिसाब से प्रोडक्ट तैयार करना व मार्किट कम्पटीशन के हिसाब से प्राइस फिक्स करना और स्ट्रांग एडवरटाइजिंग टूल्स का इस्तेमाल करना!
मार्केटिंग और अड़वरटाईजिंग में क्या फर्क है- in hindi
मर्केटिंगको ब्रॉड पर्सपेक्टिव (बड़े परिपेक्ष) में देखा जाता है जबकि एडवरटाइजिंग को बहुत छोटे जैसे की आपने सुना होगा टीवी एड्स, पर मार्केटिंग एड्स नहीं सुना होगा! एडवरटाइजिंग, मार्केटिंग का केवल एक अंग मात्र यानि कॉम्पोनेन्ट है! व्यापक रूप से मार्केटिंग में पब्लिक रिलेशंस, मीडिया प्लानिंग, प्रोडक्ट प्राइसिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन, सेल्स स्ट्रेटेजी, कस्टमर सपोर्ट, मार्किट रिसर्च और कम्युनिटी इन्वॉल्वमेंट एंड एडवरटाइजिंग आता है!
अड़वरटाईजिंग और पब्लिसिटी में क्या फर्क है-in Hindi
एडवरटाइजिंग और पब्लिसिटी - बिज़नेस को प्रमोट करने और अवेयरनेस क्रिएट करने का बहुत ही इफेक्टिव और स्ट्रांग मेथड है! लेकिन इन दोनों में बहुत ही क्लियर डिफरेंस है! बेसिकली एडवरटाइजिंग के लिए आप पैसा पे करते है जबकि आपको पब्लिसिटी टेलीविज़न, रेडियो, न्यूज़पेपर, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर आपकी मार्किट वैल्यू के आधार पर मिलती है! लोग आपकी विशेषकर अच्छी अच्छी चीजों की प्रशंशा खुद से करने लगते है!अड़वरटाईजिंग और सेल्स प्रमोशन में क्या फर्क है-in Hindi
एडवरटाइजिंग और प्रमोशन दोनों ही मार्केटिंग टूल्स है जो की आजकल इस्तेमाल किये जाते हैं और इन दोनों में एक ही तरह की टेक्निक्स और स्ट्रेटेजी इस्तेमाल की जाती है! एडवरटाइजिंग टीवी एड्स द्वारा, मैगजीन्स व न्यूज़पेपर में एड देकर या डिजिटल मीडिया से लॉन्ग टर्म प्लानिंग के साथ ब्रांड इमेज डवलप करने के लिए की जाती है जबकि सेल्स प्रमोशन शार्ट टर्म स्ट्रेटेजी है!सेल्स प्रमोशन छोटे और मझोले उद्योग के लिए ज्यादा सूट करता है! इसका मुख्या उद्देश्य काम समय में ज्यादा सेल करना होता है ! ब्रांड बिल्डिंग भी सेल्स प्रमोशन द्वारा किया जा सकता है! सेल्स प्रमोशन में फ्री सैंपल देना, विशेष डिस्काउंट देना, कूपन देना व स्पेशल इवेंट्स और त्यौहार पर ऑफर देना आदि आता है !
अड़वरटाईजिंग और पब्लिक रिलेशन में क्या फर्क है-in Hindi
पेड स्पेस और फ्री कवरेज - एडवरटाइजिंग में आप आप पैसा पे करते है और जानते है की एड कब दिखेगा या कब पब्लिश होगा, पर पब्लिक रिलेशन में कोई पैसा पे करने की जरुरत नहीं है इसमें मीडिया का फ्री एक्सपोज़र मिलता है !आपका कंट्रोल - एडवरटाइजिंग में आपका पूरा कंट्रोल रहता है पर मीडिया पर आपका कोई कंट्रोल नहीं है जैसे की मीडिया आपके प्रेस रिलीज़ को किस तरह से प्रेजेंट करता है कब करता है और ये जरुरी नहीं की वह इसे पब्लिश करे ही !
मार्केटिंग और बिज़नेस डेवलपमेंट में क्या फर्क है-in hindi
मार्केटिंग एंड बिज़नेस डेवलपमेंट, ये दोनों शब्द एक दूसरे की जगह इस्तेमाल किये जाते है और कहें तो इन जनरल एक दूसरे के सीनोणीम (प्रयायवाची) है पर वास्तव में प्रोफेशनली इनमे काफी फर्क है! आप ज्यादा बिज़नेस चाहते है और इस गोल को अचीव करने के लिए सब कुछ करते है इसे हम बिज़नेस डेवलपमेंट कहते है ! ये कभी एक दूसरे से डिफर करते है तो कभी ओवरलैप कर जाते है! इसके लिए विस्तार से और चर्चा करते है !मार्केटिंग में केवल आपके मार्किट एरिया में आपकी प्रमुख भिन्नताओं व विशेषताओं की पहचान की जाती है! इसमें आप प्रोडक्ट और सर्विसेज की एडवरटाइजिंग व उसके प्रमोशन के लिए काम करते है और बिज़नेस डेवलपमेंट में आप आपके ऑडियंस को आपके प्रोडक्ट और सर्विसेज से जोड़ते है! बिज़नेस डेवलपमेंट में आप संभावित ग्राहक को तलासते है और जो लीड मिलती है उसे क्लाइंट में बदलने की कोशिश करते है !
सेल्स डेवलपमेंट और बिज़नेस डेवलपमेंट में क्या फर्क है-in Hindi
Sales Development - कुछ लोग सेल्स डेवलपमेंट को सेल्स ही मानते है पर वास्तव में ऐसा है नहीं, सेल्स प्रोसेस सेल्स से हटकर है ! सेल्स डेवलपमेंट कस्टमर को लुभाने और आकर्षित करने का एक तरीका है, इसमें सेल्स टीम को देखना होता है की वह संभावित ग्राहक को अपनी सेवाओं या प्रोडक्ट से किस तरह अपना बना सकती है! साधारण तरीके से हम कह सकते हैं की अच्छी सेवा या अच्छे प्रोडक्ट देकर कस्टमर के साथ लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप बनाना!Business Development :-
What is business development? एक कंपनी या आर्गेनाईजेशन के अंदर की बिज़नेस यूनिट है जिसके अंदर प्रमुख रूप से तीन चीजें आती है, जैसे बिज़नेस को नए मार्किट में स्थापित करना, महत्तवपूर्ण पार्टनरशिप के मौके तैयार करना और तत्काल यानि करंट कस्टमर बेस को सुधारना! या यूँ कहिये आगे बिज़नेस कैसे ग्रो करेगा, बिज़नेस कहाँ से आएगा और इसके लिए किस तरह से ज्यादा लोगों तक पहुँच बनाई जाये! यानि और आगे कंपनी ने अपने लिए क्या गोल रखे है और उन गोयल को अचीव करने के लिए क्या प्लान और स्ट्रेटेजी इस्तेमाल की जाएगी!मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख sales and marketing in Hindi क्या है जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को Hintme.in की तरफ से पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.
इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. अगर आपको डिमैट अकाउंट से जुड़े कोई भी सवाल है तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और हमें बताएं.
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Bheem Singh
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